tag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post1612729154298357407..comments2024-03-28T02:14:07.401-07:00Comments on vikram7: हें प्रभात तेरा अभिनंदन........vikram7http://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-87085354913565289152010-09-14T07:32:30.074-07:002010-09-14T07:32:30.074-07:00विक्रम जी ..बहुत ही सुंदर....बहुत ही सुंदर ....बहु...विक्रम जी ..बहुत ही सुंदर....बहुत ही सुंदर ....बहुत ही सुंदर कविता. इसे पढ़वाने के लिए आपका धन्यवाद.<br />इस नारे के साथ कि......चलो हिन्दी अपनाएँ<br />आप को हिन्दी दिवस पर शुभकामनाएँवीरेंद्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17461991763603646384noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-26069708213566499932010-09-13T06:33:53.133-07:002010-09-13T06:33:53.133-07:00हें प्रभात तेरा अभिनंदन
किरण भोर की, निकल क्षितिज ...हें प्रभात तेरा अभिनंदन<br />किरण भोर की, निकल क्षितिज से<br />उलझी ओस कणों के तन से<br />फूलों की क्यारी तब उसको, देती अपना मौन निमंत्रण ..<br /><br />बहुत ही सुंदर रचना ... लाजवाब शब्द विन्यास है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com