tag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post8775652734755441636..comments2024-03-28T02:14:07.401-07:00Comments on vikram7: दर्द को दिल में उतर जाने दो.......vikram7http://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-29409939546235738552009-09-28T09:10:19.343-07:002009-09-28T09:10:19.343-07:00bahu..... hi sunder rachna ..bahu..... hi sunder rachna ..sandhyahttps://www.blogger.com/profile/15888293815545699047noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-40869569447796445302009-09-16T12:48:52.109-07:002009-09-16T12:48:52.109-07:00दर्द को दिल में उतर जाने दो.......
दर्द को दिल मे...दर्द को दिल में उतर जाने दो....... <br />दर्द को दिल में उतर जाने दो<br />आज उनको भी कहर ढाने दो<br /><br />रात हर चाँद से होती नहीं मसरुफे-सुखन<br />स्याह रंगो के नजारे भी नजर आने दो<br /><br />एक अनजानी सी तनहाई, सदा रहती है<br />आज महफिल में उसे नज्म कोई गाने दो<br /><br />जिनने दरियाओं के मंजर ही नहीं देखे हैं<br />उन सफीनो पे-भी अफसोस जरा करने दो<br /><br />कोई वादे को निभा दे यहाँ ऐसा तो नहीं<br />सर्द वादों को कोई राह नई चुनने दो<br /><br />दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो.poori rachana laazwaab .maza aa gaya padhkar .main ek mahine se bahar thi is liye nahi aa payi .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-86400399399644236772009-09-11T15:55:32.088-07:002009-09-11T15:55:32.088-07:00अपने जनाजे में दिल के राज़ दफ़न करने चले...
हौसले ...अपने जनाजे में दिल के राज़ दफ़न करने चले...<br />हौसले की बात है ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-700704749686898502009-09-10T02:19:54.635-07:002009-09-10T02:19:54.635-07:00एक अनजानी सी तनहाई, सदा रहती है
आज महफिल में उसे न...एक अनजानी सी तनहाई, सदा रहती है<br />आज महफिल में उसे नज्म कोई गाने दो........<br /><br />बहुत ही अच्छी लगी ग़ज़ल ........लाजवाब प्रस्तुति विक्रम JIदिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-20861988521635725772009-09-10T00:46:07.325-07:002009-09-10T00:46:07.325-07:00'दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं
आज अ...'दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br />'<br />ग़ज़ल का यह शेर ख़ास लगा.Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-57204565499607076682009-09-09T19:20:48.160-07:002009-09-09T19:20:48.160-07:00"दिल के कुछ राज़ यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं,
आ..."दिल के कुछ राज़ यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं,<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो"<br />बहुत ही अच्छी लगी ये रचना...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-18528287861112772882009-09-09T10:37:39.817-07:002009-09-09T10:37:39.817-07:00दर्द को दिल में उतर जाने दो
आज उनको भी कहर ढाने दो...दर्द को दिल में उतर जाने दो<br />आज उनको भी कहर ढाने दो..dard or dil ka rishta naya nahi hai...dil hai to dard to hoga hi..eska koee nahi hai hal shayad.....khoobsurat rachna....डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-64715487725752372632009-09-09T09:38:31.418-07:002009-09-09T09:38:31.418-07:00दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं
आज अपना ह...दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br />कमाल की अभिव्यक्ति है .......बधाईओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-80037468945563944422009-09-09T08:25:08.924-07:002009-09-09T08:25:08.924-07:00दर्द को दिल में उतर जाने दो
आज उनको भी कहर ढाने दो...दर्द को दिल में उतर जाने दो<br />आज उनको भी कहर ढाने दो<br /><br />रात हर चाँद से होती नहीं मसरुफे-सुखन<br />स्याह रंगो के नजारे भी नजर आने द<br />दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br />वैसे तो पूरी रचना लाजवाब है मगर उपर वाले शेर बहुत पसंद आये बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-89817553419565986832009-09-09T03:18:28.710-07:002009-09-09T03:18:28.710-07:00दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं
आज अपना ह...दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br /><br />बहुत ही लाजवाब प्रस्तुति, आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-56203705300452346172009-09-09T03:17:28.893-07:002009-09-09T03:17:28.893-07:00जिनने दरियाओं के मंजर ही नहीं देखे हैं
उन सफीनो पे...जिनने दरियाओं के मंजर ही नहीं देखे हैं<br />उन सफीनो पे-भी अफसोस जरा जताने दो !<br /><br />कोई वादे को निभा दे यहाँ ऐसा तो नहीं<br />सर्द वादों को कोई राह नई ढूंढ लाने दो !<br /><br />Bahut khoob, Vikram jiपी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-51433999541463918442009-09-09T02:39:30.538-07:002009-09-09T02:39:30.538-07:00रात हर चाँद से होती नहीं मसरुफे-सुखन
स्याह रंगो के...रात हर चाँद से होती नहीं मसरुफे-सुखन<br />स्याह रंगो के नजारे भी नजर आने दो<br /><br /><br />वाह ! वाह ! वाह ! लाजवाब ! हमेशा की तरह मन को छूती हुई अतिसुन्दर रचना....बड़ा आनंद आया पढ़कर...आभार.रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-25103220166823777892009-09-09T00:55:46.818-07:002009-09-09T00:55:46.818-07:00मन की ज्योति हैमन की ज्योति हैVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-79753341039607632322009-09-08T20:55:41.670-07:002009-09-08T20:55:41.670-07:00दिल के कुछ राज़ यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं
आज अपना...दिल के कुछ राज़ यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br /><br />वाह, वाह, बहुत ही गहरी बात कह दी आपने.<br />बधाई.<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्त<br />जयपुर<br />www.cmgupta.blogspot.comMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-9106673029046352412009-09-08T18:17:41.732-07:002009-09-08T18:17:41.732-07:00वाह बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! रचना का हर एक ...वाह बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! रचना का हर एक शब्द दिल को छू गई! इस बेहतरीन और लाजवाब रचना के लिए ढेर सारी बधाइयाँ !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-7298616861115417582009-09-08T13:20:52.538-07:002009-09-08T13:20:52.538-07:00स्याह रंगों के नज़ारे यह एक अच्छा प्रयोग है । आप अ...स्याह रंगों के नज़ारे यह एक अच्छा प्रयोग है । आप अपनी रचनाओं के लिये मेहनत कर रहे हैं और सुझावों को स्वीकार कर रहे है यह भी एक अच्छे रचनाकार का गुन है । बधाई ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-8881136671224120222009-09-08T12:05:40.139-07:002009-09-08T12:05:40.139-07:00धन्यवाद अपूर्वजी,
आपने बिल्कुल सही सुझाव दिया हॆ,द...धन्यवाद अपूर्वजी,<br />आपने बिल्कुल सही सुझाव दिया हॆ,दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं.vikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-26653334919251828012009-09-08T11:32:02.308-07:002009-09-08T11:32:02.308-07:00माफ़ कीजियेगा विक्रम जी..शायद मैं अपनी बात ठीक से न...माफ़ कीजियेगा विक्रम जी..शायद मैं अपनी बात ठीक से नही कह सका..आपकी यह पंक्ति<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br />मे कोई कमी नही है बल्कि निहायत ही खूबसूरत है..<br />बदली हुई पंक्ति<br />आज महफिल में जरा चुप ही मुझे रहने दो <br />भी अच्छी बन पड़ी है मगर original ज्यादा खूबसूरत बन पड़ी है..<br />मेरे कहने का मतलब था कि पंक्ति<br />चंद कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं <br />मे ’चंद’ और ’कुछ’ दोनो का अर्थ तो एक ही है..सो इनमे से किसी एक से भी काम चल जाता..<br />जैसे<br />दिल के कुछ राज यहाँ यूँ ही दफन होते नहीं<br />(यह बस मेरा स्पष्टीकरण है सुझाव नही)<br />..मेरे ख्याल से यह कोई बहुत खास कमी नही है..मुझे कुछ दोहराव सा लगा तो बता दिया..<br />..और हाँ आखिरी पक्ति को वैसा ही रहने दीजिये..बहुत गहरी बात कहती है<br />आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो<br />खूबसूरत.<br />और मेरी बात इतनी सीरियसली भी न लें ;-)अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-75463589075257924222009-09-08T11:30:22.770-07:002009-09-08T11:30:22.770-07:00बहुत आनन्द आया पढ़कर. बेहतरीन रचना!बहुत आनन्द आया पढ़कर. बेहतरीन रचना!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-59150638799931443562009-09-08T10:59:30.383-07:002009-09-08T10:59:30.383-07:00बहुत सुंदर लिखा !!बहुत सुंदर लिखा !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-71279608468651553632009-09-08T10:39:05.626-07:002009-09-08T10:39:05.626-07:00अपूर्वजी,
शायद, आखिरी "आज अपना ही जनाजा मुझे...अपूर्वजी,<br />शायद, आखिरी "आज अपना ही जनाजा मुझे ले जाने दो"में <br />जनाजा मुझे ले जाने दो,का प्रयोग दोहराव हो सकता हॆ,कभी कभी लिखते वक्त ऎसा हो जाता हॆ, जहा आप को दोहराव महसूस हुआ हो,उसे बतला दे,तो उसमें बदलाव कर देता,vikram7https://www.blogger.com/profile/06934659997126288946noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-944461108085492997.post-67435671181186504792009-09-08T10:10:09.439-07:002009-09-08T10:10:09.439-07:00एक और बेहतरीन और नये अर्थ जगाती रचना..बधाई..यह पंक...एक और बेहतरीन और नये अर्थ जगाती रचना..बधाई..यह पंक्तियाँ खास लगीं<br />रात हर चाँद से होती नहीं मसरुफे-सुखन<br />स्याह रंगो के नजारे भी नजर आने दो<br /><br />कई बातें कह डालीं एक साथ..<br /><br />..आखिरी शेर मे चंद/कुछ प्रयोग दोहराव तो नही?अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.com