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बुधवार, 25 जनवरी 2012

कैसा,यह गणतंत्र हमारा.........


कैसा,यह गणतंत्र हमारा

भ्रष्टाचार , भूख  से  हारा
वंसवाद का लिये सहारा


आरक्षण  की बैसाखी पर,टिका हुआ यह तंत्र हमारा

कैसा,यह गणतंत्र हमारा

महंगाई ने पैर  पसारा
वोटो को नोटों ने मारा

जाति-धर्म के नाग-पाश में,भ्रमित रहा मतदान हमारा

कैसा यह गणतंत्र  हमारा

संसद में लगता यह नारा
जन से है जनतंत्र हमारा

लोकपाल भी लोभपाल से ,आज वही पर देखो हारा

कैसा,यह गणतंत्र  हमारा

विक्रम
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

32 टिप्‍पणियां:

  1. आरक्षण के बैसाखी पर टिका हुआ यह तंत्र हमारा
    विक्रम जी बहुत बढिया है ...सटीक और सार्थक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  2. संसद में लगता यह नारा
    जन से है जनतंत्र हमारा
    लोकपाल व लोभपाल में,
    वही हो रहा खेल निराला
    यह,कैसा गणतंत्र हमारा,

    सुंदर पंक्तियाँ,बेहतरीन सटीक सार्थक रचना,....

    जवाब देंहटाएं
  3. सही कह रहे बिलकुल भाई,
    पर उनको तो लाज न आई !

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  4. Jaisabhee hai ye gantantr,iske liye ham sabhee zimmedaar hain!

    जवाब देंहटाएं
  5. हालात की सच्चाई को बयान करती रचना के लिए आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. देश की अव्‍वस्‍थाओं पर प्रहार करती रचना।

    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....

    जय हिंद...वंदे मातरम्।

    जवाब देंहटाएं
  7. यथार्थ परक चित्रण गण निरपेक्ष तंत्र का -तंत्र करे हर पल गुस्ताखी ,गण फिरता है मारा मारा ,ऐसा है गण तंत्र हमारा ...फिर भी इस गण निरपेक्ष तंत्र की मुबारक .

    जवाब देंहटाएं
  8. सच्चाई बयान करती रचना
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....!

    जवाब देंहटाएं
  9. इसी प्रश्न का उत्तर तो मैं भी खोज रहा हूँ दोस्त।
    कृपया इसे भी पढ़े-
    क्या यह गणतंत्र है?
    क्या यही गणतंत्र है

    जवाब देंहटाएं
  10. सच में देश का बुरा हाल है.
    आपकी प्रस्तुति सार्थक और सटीक है.

    मेरे ब्लॉग पर आपके आने के लिए आभार.
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.

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  11. लोकपाल भी लोभपाल से ,आज वही पर देखो हारा

    अब तो गण को भूल गए हैं नेता
    तंत्र बचा बस देश हमारा ..

    बहुत सार्थक प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  12. "आरक्षण की बैसाखी पर,टिका हुआ यह तंत्र हमारा"

    बेहतरीन सटीक सार्थक रचना
    गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....

    जय हिंद

    जवाब देंहटाएं
  13. महंगाई ने पैर पसारा
    वोटो को नोटों ने मारा

    सत्य ..बहुत खूब

    गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें..

    जवाब देंहटाएं
  14. सही कहा विक्रम जी.....

    हमारा सच्चा खुशहाल गणतंत्र दिवस ,
    तब होगा, जब हमारा प्यारा भारत ;
    भ्रष्टाचार, अनैतिकता से मुक्त होगा ।

    जवाब देंहटाएं
  15. बहुत बढ़िया लिखा है आपने ।
    आपका ब्लॉग फोलो कर लिया है । मेरे भी ब्लॉग में आयें और फोलो करें ।
    मेरी कविता

    जवाब देंहटाएं
  16. ६२ वर्षों बाद आज ये गणतंत्र न रह के कुछ नेताओं का तंत्र सह गया है बस ... सार्थक स्पष्ट लिखा है ...

    जवाब देंहटाएं
  17. सही कहा है.
    गणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें..

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति|
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|

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  19. महंगाई ने पैर पसारा
    वोटो को नोटों ने मारा

    जाति-धर्म के नाग-पाश में,भ्रमित रहा मतदान हमारा


    ....बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति..गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  20. आरक्षण के बैसाखी पर टिका हुआ यह तंत्र हमारा
    bahut sateek panktiyan baut laajabaab prastuti.

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  21. बहुत सुंदर प्रस्तुति,

    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए...
    एक ब्लॉग सबका

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  22. ऐसी विसंगतियों से बाहर आने के संकल्‍प का पर्व है यह.

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  23. विक्रम जी,

    इतनी विषमताओं के बावजूद भी गणतंत्र हमें प्यारा है बस यही कह सकते हैं क्योंकि भ्रमित रह्ने के लिए भी कोई न कोई तो वज़ह होनी ही चाहिए।
    समसामायिक वर्तमान का मूल्याँकन करने को विवश करती हुई रचना।

    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

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  24. वाजिव सवाल उठाए गए हैं। सबकुछ बेमानी सा लगता है। प्रस्तुति पसंद आई।

    आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  25. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं....जय हिंद

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  26. bahut sunder vikram jee/
    now a days our democracy has become polluted...
    beautiful post..

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  27. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

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  28. जाति-धर्म के नाग-पाश में,भ्रमित रहा मतदान हमारा

    सच्चाई को बयान करती रचना .

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