इश्क़ पे इल्लत लगा इश्रत मनाने आ गए
गोया अपने आपको आदिल बताने आ गए
इत्तिका इताब का लेते यहाँ जो लोग हैं
क़ब्ल को कर ख़ाक वो खुत्बा सुनाने आ गए
आह से इख्लास का इज़्हार कैसे हो गया
अन्जुमन में सब मुझे कातिल बनाने आ गए
बस जरा चिलमन से अपने देख ले तू इम्तियाज़
नाखुदा की राह में काफिर जमानें आ गए
उस बुते-काफिर से मिलकर वो खुदी में खो गया
इक निशेमन तोड़कर महफिल सजाने आ गए
विक्रम
1-इल्लत=दोष2-इश्रत=आनंद 3आदिल=न्यायपूर्ण,नेक 4-इत्तिका=सहारा 5-इताब=क्रोध6-क़ल्ब=दिल,आत्मा 7-खुत्बा=भाषण,धर्मोपदेश 8-इख्लास=प्रेम 9इम्तियाज़=अंतर,फर्क 10-नाखुदा=मल्लाह,पार लगाने वाला 11-बुते-काफिर=अति खूबसूरत औरत 12-खुदी=घमंड 13-निशेमन=आशियाना.
गोया अपने आपको आदिल बताने आ गए
इत्तिका इताब का लेते यहाँ जो लोग हैं
क़ब्ल को कर ख़ाक वो खुत्बा सुनाने आ गए
आह से इख्लास का इज़्हार कैसे हो गया
अन्जुमन में सब मुझे कातिल बनाने आ गए
बस जरा चिलमन से अपने देख ले तू इम्तियाज़
नाखुदा की राह में काफिर जमानें आ गए
उस बुते-काफिर से मिलकर वो खुदी में खो गया
इक निशेमन तोड़कर महफिल सजाने आ गए
विक्रम
1-इल्लत=दोष2-इश्रत=आनंद 3आदिल=न्यायपूर्ण,नेक 4-इत्तिका=सहारा 5-इताब=क्रोध6-क़ल्ब=दिल,आत्मा 7-खुत्बा=भाषण,धर्मोपदेश 8-इख्लास=प्रेम 9इम्तियाज़=अंतर,फर्क 10-नाखुदा=मल्लाह,पार लगाने वाला 11-बुते-काफिर=अति खूबसूरत औरत 12-खुदी=घमंड 13-निशेमन=आशियाना.
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