पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
थे नीले अम्बर के राही
सबल-सलिल सुख दुःख के ग्राही
वायु वेग से सहम गए क्यूं ,सबल पंख ये आज तुम्हारे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
उत्पीडन, निंदा के डर से
या मन मलिन विसर्जित कल से
किस कुंठा से ग्रसित हो गये,सुर शोभित ये कंठ तुम्हारे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
आ बीते कल को झुठला दे
जीवन को मिल नई दिशा दे
क्यूं अतीत से घिरे हुए हो,आज चलो तुम साथ हमारे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
........
vikram
थे नीले अम्बर के राही
सबल-सलिल सुख दुःख के ग्राही
वायु वेग से सहम गए क्यूं ,सबल पंख ये आज तुम्हारे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
उत्पीडन, निंदा के डर से
या मन मलिन विसर्जित कल से
किस कुंठा से ग्रसित हो गये,सुर शोभित ये कंठ तुम्हारे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
आ बीते कल को झुठला दे
जीवन को मिल नई दिशा दे
क्यूं अतीत से घिरे हुए हो,आज चलो तुम साथ हमारे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
........
vikram
कितने अरसे बाद पढ़ा आपको...कहाँ रख छोड़ा था इस सुन्दर लेखनी को...?
जवाब देंहटाएंअद्वितीय लगी रचना...अप्रतिम, अतिसुन्दर...
अब आगे से लेखन क्रम अबाधित रखें..यही अनुरोध है...
क्यू अतीत से घिरे हुए हो,
जवाब देंहटाएंआज चलो तुम साथ हमारे.
पंछी क्या पर थके तम्हारे.....सुंदर पन्तियाँ
बहुत अच्छी प्रस्तुति......
"काव्यान्जलि"--नई पोस्ट--"बेटी और पेड़"--click
बहुत बहुत समय बाद अच्छा लगा आपको दुबारा पढ़ना ... आपकी रचना बहुत गहरी और सन्देश प्रद लगी ...
जवाब देंहटाएंइस सकारात्मक सोच से ही सारी थकान दूर हो सकती है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर भावों का प्रस्फुटन देखने को मिला है । मेरे नए पोस्ट उपेंद्र नाथ अश्क पर आपकी सादर उपस्थिति की जरूरत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंvery meaningful poem! congrats!
जवाब देंहटाएंउत्पीडन, निंदा के डर से
जवाब देंहटाएंया मन मलिन विसर्जित कल से
किस कुंठा से ग्रसित हो गये,सुर शोभित ये कंठ तुम्हारे
bahut hi sunder badhai
rachana
bahut achchi prastuti.thanks.
जवाब देंहटाएंआ बीते कल को झुठला दे
जवाब देंहटाएंजीवन को मिल नई दिशा दे
पंक्षी क्या पर थके तुम्हारे
.bahut badiya sakaratmak prastuti..
अच्छा लिखा है ..
जवाब देंहटाएंपक्षी को उडना है, थकना नहीं, आखिर समुद्र जो पार करना है॥
जवाब देंहटाएंखूबसूरत ..बहुत संदर
जवाब देंहटाएंमैं आया थे इस लाजवाब रचना पे .. पर टिपण्णी नज़र नहीं आ रही ...
जवाब देंहटाएंआपको नए साल की बहुत बहुत मंगलकामनाएं ...
.... प्रशंसनीय रचना - बधाई
जवाब देंहटाएंBahut sundar abhivyakti . Dhanyawaad .
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