नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
आ,साथी नव वर्ष मनालें
बीता कल अलविदा कह गया
जो भोगा , वह संग ले गया
धन्यवाद उसका भी कर दें,चिर-वसंत में रहनें वालें
आ,साथी नव वर्ष मनालें
स्वागत नूतन वर्ष तुम्हारा
कैसा होगा साथ हमारा ?
दीप नये नव-आशाओं के,फिर भी तेरे संग जला लें
आ,साथी नव वर्ष मनालें
सब कुछ खोकर जीने वाला
जैसे हो, कहनें ही वाला
अतुल वेदनाएँ जीवन में,सदा सुखों में रहनें वाले
आ,साथी नव वर्ष मनालें
विक्रम
बीता कल अलविदा कह गया
जो भोगा , वह संग ले गया
धन्यवाद उसका भी कर दें,चिर-वसंत में रहनें वालें
आ,साथी नव वर्ष मनालें
स्वागत नूतन वर्ष तुम्हारा
कैसा होगा साथ हमारा ?
दीप नये नव-आशाओं के,फिर भी तेरे संग जला लें
आ,साथी नव वर्ष मनालें
सब कुछ खोकर जीने वाला
जैसे हो, कहनें ही वाला
अतुल वेदनाएँ जीवन में,सदा सुखों में रहनें वाले
आ,साथी नव वर्ष मनालें
विक्रम
आ साथी नव वर्ष मना लें.... बहुत सुन्दर गीत विक्रम जी.... सादर बधाई और
जवाब देंहटाएंनूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं
बहुत ही बढि़या
जवाब देंहटाएंनववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
आ साथी नववर्ष मना ले!!!!!!!!!बहुत खूब,...
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति बेहतरीन रचना,.....
नया साल सुखद एवं मंगलमय हो,....
मेरी नई पोस्ट --"नये साल की खुशी मनाएं"--
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है आपकी विक्रम भाई.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आप आये,इसके लिए आभार आपका.
नववर्ष की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
बहुत बढ़िया प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंआपको सपरिवार नववर्ष २०१२ की हार्दिक शुभकामनायें..
बढ़िया प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएं"टिप्स हिंदी" में ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
टिप्स हिंदी में
बहुत सुंदर प्रस्तुति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंnav varsh ki hardik shubhkamnayen..
जवाब देंहटाएंबीत ही गया आज एक और आंग्ल वर्ष,
जवाब देंहटाएंआनेवाले नए वर्ष में क्या कोई उत्कर्ष?
संधिकाल में सब जूझ रहे महगाई से.
लेकिन अब सक्रिय हुयी हैं अदालतें
यही राहत की बात इसी बात का हर्ष,
हो इसमें सदा उत्कर्ष, सदा उत्कर्ष'
व्यक्ति और दल, दोनों से ही ऊपर
है यह राष्ट्र महान और राष्ट्र संचालन
को ही बना हुआ है संसद और संविधान.
गौरव - गरिमा संविधान की
यहाँ अक्षुण सदा बनी रहे,
किन्तु दायित्व उसी का यह,
राष्ट्र में सदा सुख शान्ति रहे.
भयमुक्त और भ्रष्टाचारमुक्त
कैसे यह शासन तंत्र रहे?
व्यक्ति या दल, रहे न रहे,
यह राष्ट्र हमारा अमर रहे.
गणतंत्र रहे, स्वतंत्र रहे...
यही एक अपेक्षा अपनी,
आनेवाले इस नए वर्ष से.
अपने प्यारे, भारत वर्ष से.
यह कभी न स्व' का 'तंत्र' रहे.
हाँ कभी ना स्व' का 'तंत्र' बने.
बहुत सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना,
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
सुन्दर गीत है नव वर्ष पे ...
जवाब देंहटाएंआपको परिवार सहित नए साल की मुबारक बाद ..
बहुत सुंदर पोस्ट,...
जवाब देंहटाएंWELCOME to new post--जिन्दगीं--
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई
बहुत बढ़िया रचना ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना भी देखें ।
मेरी कविता:मुस्कुराहट तेरी