vikram7
कारवाँ बन जायेगा,चलते चले बस जाइये, मंजिले ख़ुद ही कहेगी,स्वागतम् हैं आइये.
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मंगलवार, 13 नवंबर 2012
vikram7: आज अधरो............
vikram7: आज अधरो............
: आज अधरो पर अधर रख मधुभरी यह मौन सी शौगात मैने पा लिया है कल ह्र्दय मे उस पथिक सी थी विकलता राह जिसको न मिली हो साझ तक मे द्वार मे ...
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