स्वागत नूतन वर्ष तुम्हारा
नये रूप में तुम भी आये
स्वप्न सुनहरे कितने लाये
समय चक्र के गलियारे में,ओंस-कणों सा साथ हमारा
स्वागत नूतन वर्ष तुम्हारा
वर्ष पुराना जाने वाला
पी मेरे कर्मो की हाला
आज दिया मुझको तज उसने,संग रहकर भी रहा कुँआरा
स्वागत नूतन वर्ष तुम्हारा
खुशियों और ग़मों के साये
उनमे हर पल,पलते आये
छलक गया कल मेरे कर से,तेरा कल ही मेरा सहारा
स्वागत नूतन वर्ष तुम्हारा
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
विक्रम

नभ पटल नौ बत्सल के, लिख आगम संदेस ।
जवाब देंहटाएंप्रथम किरन जोग रहि भर नौ नौ भूषन भेस ।१०९६।
भावार्थ : -- नभ के पटल पर नववर्ष के आगमन का सन्देश लिख प्रथम किरण नए नए आभूषण एवं वस्त्रों से आभारित होकर प्रतीक्षारत है ॥