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गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें.....

  



 आ,मृग -जल से प्यास बुझा लें

कहाँ गई मरकत की प्याली 
द्रोण-कलश भी  मेरा खाली

चिर वसंत-सेवित सपनों में,खोकर शायद मधु-रस पा  लें 

आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें

गिर निर्झर जैसे हो कहता 
समय अनवरत बहता रहता

मन कल्पित आकांक्षित गृह में,रुक अतीत से हाथ मिला लें

आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें

है अतीत इतना  ही कहता
वर्तमान ही जीवित रहता 

सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें

आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें

विक्रम 

21 टिप्‍पणियां:

  1. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता
    सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें
    आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें
    सुंदर पन्तियाँ,रचना बहुत अच्छी लगी,.....

    जवाब देंहटाएं
  2. एक अदम्य जिजीविषा का भाव कविता में इस भाव की अभिव्यक्ति हुई है।

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  3. अभिलाषित की उद्दात्त अभिलाषाओं को नमन

    जवाब देंहटाएं
  4. प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे नए पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं । नव वर्ष -2012 के लिए हार्दिक शुभकामनाएं । धन्यवाद ।

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  5. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता

    सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें

    आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें
    वाह वाह वाह्……………शानदार प्रस्तुति मन आनन्दित कर गयी।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर रचना,.....
    नए साल की बहुत२ शुभकामनाये बधाई,...

    नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...

    जवाब देंहटाएं
  7. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता

    सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें

    आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें
    Badee sashakt rachana hai.

    जवाब देंहटाएं
  8. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता

    सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें

    बहुत खूब! एक सशक्त प्रस्तुति...नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  9. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता

    bilkul sahi kaha sunder rachna...!!

    जवाब देंहटाएं
  10. ...बहुत ईमानदारी से लिखा है आपने ...आभार

    संजय भास्कर
    आदत....मुस्कुराने की
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  11. आप ने बहुत ही बेहतरीन लिखा विक्रम जी,आप को नव वर्ष की खूब सारी बधाइयां ....

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  12. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता ....

    Bahut sundar rachna ... Pravah may ...

    Nan varsh mangal Mai ho ...

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  13. सराहनीय प्रस्तुति

    जीवन के विभिन्न सरोकारों से जुड़ा नया ब्लॉग 'बेसुरम' और उसकी प्रथम पोस्ट 'दलितों की बारी कब आएगी राहुल ...' आपके स्वागत के लिए उत्सुक है। कृपा पूर्वक पधार कर उत्साह-वर्द्धन करें

    जवाब देंहटाएं
  14. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता
    सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न
    चुरा लें
    आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें
    खूबसूरत पंक्तियां.........

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  15. सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें
    सुंदर!

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  16. आ,मृग-जल से प्यास बुझा लें....
    --आज के सन्दर्भ में सटीक...हम सब ’मृग-जल’ को ही तो वास्तविकता समझ कर प्यास बुझने का भ्रम पाले हुए हैं....जबकि वह वास्तव में जल नही ’त्रिष्णा’ है...और प्यास बढती ही जाती है....

    ’है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता”......
    ---बहुत गहन तथ्यान्कन है....अपने एतिहास को जाने बिना कौन वर्तमान को जान सकता, कौन आगे जा सकता है......

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  17. है अतीत इतना ही कहता
    वर्तमान ही जीवित रहता

    सासों में अटके जीवन से,जन्म-मरण के प्रश्न चुरा लें
    आपकी हर रचना एक से बढ कर एक

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