ऑस जब बन बूँद बहती,पात का कम्पन ह्रदय में छा रहा है
नीर का देखा रुदन किसने यहां पे,पीर वो भी संग ले के जा रहा है
लोग जो हैं अब तलक मुझसे मिले ,शब्द से रिश्तो में अंतर आ रहा है
अर्थ अपनी जिन्दगी का ढूँढ़ने में, व्यर्थ ही जीवन यहाँ पे जा रहा है
इन उनीदी आँख के जब स्वप्न टूटे,दर्द में सुख बोध छिपता जा रहा है
तोड़ कर जब दायरे आगे बढ़ा,शून्य में पथ ज्ञान छिनता जा रहा है
प्रश्न बनके कल तलक था सामने,आज वो उत्तर मुझे समझा रहा है
अब अधेरी रात में भी दूर के,दीप का जलना ह्रदय को भा रहा है
विक्रम [पुन:प्रकाशित]
प्रश्न बनके कल तलक था सामने,आज वो उत्तर मुझे समझा रहा है
जवाब देंहटाएंअब अधेरी रात में भी दूर के,दीप का जलना ह्रदय को भा रहा है
Bahut,bahut sundar!
लोग जो हैं अब तलक मुझसे मिले ,शब्द से रिश्तो में अंतर आ रहा है
जवाब देंहटाएंअर्थ अपनी जिन्दगी का ढूँढ़ने में, व्यर्थ ही जीवन यहाँ पे जा रहा है,,, वाह
लोग जो हैं अब तलक मुझसे मिले ,शब्द से रिश्तो में अंतर आ रहा है
जवाब देंहटाएंअर्थ अपनी जिन्दगी का ढूँढ़ने में, व्यर्थ ही जीवन यहाँ पे जा रहा है..
भावपूर्ण सुंदर पंक्तियाँ,.
बहुत अच्छी प्रस्तुति,
NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
प्रश्न बनके कल तलक था सामने,आज वो उत्तर मुझे समझा रहा है ...
जवाब देंहटाएंबदलते समय के साथ अक्सर ऐसे बदलाव आते हैं ... और सहने भी पढते हैं ...
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जवाब देंहटाएंबहुत खूब...क्या बात है!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब,अच्छी प्रस्तुति,
जवाब देंहटाएंइन उनीदी आँख के जब स्वप्न टूटे,दर्द में सुख बोध छिपता जा रहा है
जवाब देंहटाएंतोड़ कर जब दायरे आगे बढ़ा,शून्य में पथ ज्ञान छिनता जा रहा है
...बहुत सुन्दर और भावमयी प्रस्तुति...
प्रश्न बनके कल तलक था सामने,आज वो उत्तर मुझे समझा रहा है
जवाब देंहटाएंअब अधेरी रात में भी दूर के,दीप का जलना ह्रदय को भा रहा है
वा,ह यह दीप ही है जो हमारा हौसला बनाये रखता है ।
इन उनीदी आँख के जब स्वप्न टूटे,दर्द में सुख बोध छिपता जा रहा है
जवाब देंहटाएंतोड़ कर जब दायरे आगे बढ़ा,शून्य में पथ ज्ञान छिनता जा रहा है
bahut sunder
badhai
rachana
प्रश्न बनके कल तलक था सामने,आज वो उत्तर मुझे समझा रहा है
जवाब देंहटाएंअब अधेरी रात में भी दूर के,दीप का जलना ह्रदय को भा रहा है
सुन्दर है
लोग जो हैं अब तलक मुझसे मिले ,शब्द से रिश्तो में अंतर आ रहा है
जवाब देंहटाएंअर्थ अपनी जिन्दगी का ढूँढ़ने में, व्यर्थ ही जीवन यहाँ पे जा रहा है..
बहुत खूब...................