मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
तुम धीरे से ,न कर देना
कुछ पग चलके,फिर हस देना
बीत गये जो पल सजनी फिर, उनको जैसे मै पा लूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
कुछ क्षण बाद,चली तुम आना
मृदुल भाव से, देती ताना
मै विभोर हो तरुणाई का,गीत कोई फिर से गा लूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
क्या होता है, नया पुराना
ऐसे ही तुम साथ निभाना
यादों की झिलमिल चुनरी से,मै श्रंगार तेरा कर दूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
विक्रम
तुम धीरे से ,न कर देना
कुछ पग चलके,फिर हस देना
बीत गये जो पल सजनी फिर, उनको जैसे मै पा लूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
कुछ क्षण बाद,चली तुम आना
मृदुल भाव से, देती ताना
मै विभोर हो तरुणाई का,गीत कोई फिर से गा लूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
क्या होता है, नया पुराना
ऐसे ही तुम साथ निभाना
यादों की झिलमिल चुनरी से,मै श्रंगार तेरा कर दूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
विक्रम
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जवाब देंहटाएंक्या होता है, नया पुराना
जवाब देंहटाएंऐसे ही तुम साथ निभाना
यादों की झिलमिल चुनरी से,
मै श्रंगार तेरा कर दूगाँ,,,,,भावमय उत्कृष्ट पंक्तियाँ ,,,,
RECECNT POST: हम देख न सके,,,
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंउत्तम रचना ........
जवाब देंहटाएंआपको दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं।