ऎ काश ऎसा होता यहां पर..........
ऎ काश ऐसा होता यहाँ पर, तुम जो ठहर जाते थोड़ा
पाकर खुशी तब दिल ये हमारा,यूँ ही मचल जाता थोड़ा
नयनों के सपने,दिल के दरीचे पे ,आ-आ के जब हैं मचलते
हम भी तुम्हारी यादों में खोकर, तब हैं ज़रा सा बहकते
ऎ नर्गिसी रूप तेरा महक कर,घुलता फिजाओं में थोड़ा
पाकर खुशी तब दिल ये हमारा,यूँ ही मचल जाता थोड़ा
दिल की जुबां से मॆने कही भी,तुमको हॆ जब-जब पुकारा
ऎसा लगा तब सीने मे मेरे ,धडका कही दिल तुम्हारा
नयनों की मदिरा से तेरे बहक कर,ये वक्त थम जाता थोड़ा
पाकर खुशी तब दिल ये हमारा,यूँ ही मचल जाता थोड़ा
vikram
पाकर खुशी तब दिल ये हमारा,यूँ ही मचल जाता थोड़ा
नयनों के सपने,दिल के दरीचे पे ,आ-आ के जब हैं मचलते
हम भी तुम्हारी यादों में खोकर, तब हैं ज़रा सा बहकते
ऎ नर्गिसी रूप तेरा महक कर,घुलता फिजाओं में थोड़ा
पाकर खुशी तब दिल ये हमारा,यूँ ही मचल जाता थोड़ा
दिल की जुबां से मॆने कही भी,तुमको हॆ जब-जब पुकारा
ऎसा लगा तब सीने मे मेरे ,धडका कही दिल तुम्हारा
नयनों की मदिरा से तेरे बहक कर,ये वक्त थम जाता थोड़ा
पाकर खुशी तब दिल ये हमारा,यूँ ही मचल जाता थोड़ा
vikram
bahut khub
जवाब देंहटाएंबहूत खूब........
जवाब देंहटाएंक्या लिखा है जनाब