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शनिवार, 14 अगस्त 2010

स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें....

स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें

आजादी के लिये.......

आजादी के लिये मौत को,हँस कर जिनने झेला
याद दिलाने उनकी फिर से आई है ये बेला


आइये याद उनकी करें साथियों
इस वतन के लिये भी जिये साथियो

वे तो हिन्दू भी थे,ऒर मुसलामा भी थे
पारसी सिक्ख देखो ईसाई भी थे
पर सही बात ये है मेरे दोस्तो
सबसे पहले वतन के सिपाही वो थे
नाम से उनके रोशन जहाँ साथियो
इस................................................


ज्योति आजादी का लेके चलते जो थे
उनसे दुश्मन के सीने दहलते भी थे
राम के साथ अब्दुल भी फाँसी चढा
जो वतन पर मिटे भाई भाई ही थे

उनकी कुर्बानी पर फक्र है साथियो
इस.............................................


खो अंधेरों में जो रोशनी दे गये
खुद को करके फंना जिन्दगी दे गये
आज का दिन उन्ही का दिया साथियो
इस गुलिस्ताँ के हकदार माली वो थे

मरते -मरते भी कह कर गये साथियो
इस.................................................


थे कहाँ से चले हम कहाँ आ गये
भाई -भाई के दुश्मन है क्यूँ बन गये
अपना बन के यहां छल गया जो हमे
वो भी जयचंद और मीरजाफर ही थे

उनकी चालों से अब हम बचे साथियो
इस.............................................

vikram

1 टिप्पणी:

  1. राम के साथ अब्दुल भी फाँसी चढा
    जो वतन पर मिटे भाई भाई ही थे
    सुन्दर जज्बे की रचना

    जवाब देंहटाएं