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शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

आजादी के लिये.......

आजादी के लिये मौत को,हँस कर जिनने झेला
याद दिलाने उनकी फिर से आई है ये बेला


आइये याद उनकी करें साथियों
इस वतन के लिये भी जिये साथियो

वे तो हिन्दू भी थे,ऒर मुसलामा भी थे
पारसी सिक्ख देखो ईसाई भी थे
पर सही बात ये है मेरे दोस्तो
सबसे पहले वतन के सिपाही वो थे
नाम से उनके रोशन जहाँ साथियो
इस................................................


ज्योति आजादी का लेके चलते जो थे
उनसे दुश्मन के सीने दहलते भी थे
राम के साथ अब्दुल भी फाँसी चढा
जो वतन पर मिटे भाई भाई ही थे

उनकी कुर्बानी पर फक्र है साथियो
इस.............................................


खो अंधेरों में जो रोशनी दे गये
खुद को करके फंना जिन्दगी दे गये
आज का दिन उन्ही का दिया साथियो
इस गुलिस्ताँ के हकदार माली वो थे

मरते -मरते भी कह कर गये साथियो
इस.................................................


थे कहाँ से चले हम कहाँ आ गये
भाई -भाई के दुश्मन है क्यूँ बन गये
अपना बन के यहां छल गया जो हमे
वो भी जयचंद और मीरजाफर ही थे

उनकी चालों से अब हम बचे साथियो
इस.............................................


स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
विक्रम

16 टिप्‍पणियां:

  1. आजादी के लिये मौत को,हँस कर जिनने झेला
    याद दिलाने उनकी फिर से आई है ये बेला
    क्‍या खूब लिखा है !!
    आपको जन्‍माष्‍टमी और स्‍वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!

    जवाब देंहटाएं
  2. खो अंधेरों में जो रोशनी दे गये
    खुद को करके फंना जिन्दगी दे गये
    शहीदो की सच्चाई यही है

    जवाब देंहटाएं
  3. स्‍वतंत्रता दिवस पर बहुत-बहुत शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं
  4. Rachna bahut achchi lagi.Par aap Gantantra divas ki shubkamnayen kyon de rahe hain?

    जवाब देंहटाएं
  5. sandhyagupta jii
    धन्यवाद भूल की ओर ध्यान दिलाने के किये

    जवाब देंहटाएं
  6. bahut bahut hi khubsurat hai ......aazadi ka yah git .............badhaaee

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत खूब...
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ...जय हिंद !!

    जवाब देंहटाएं
  8. ज्योति आजादी का लेके चलते जो थे
    उनसे दुश्मन के सीने दहलते भी थे
    राम के साथ अब्दुल भी फाँसी चढा
    जो वतन पर मिटे भाई भाई ही थे
    Nice writeup !!
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ...जय हिंद !!

    जवाब देंहटाएं
  9. खो अंधेरों में जो रोशनी दे गये
    खुद को करके फंना जिन्दगी दे गये
    आज का दिन उन्ही का दिया साथियो

    राष्ट्र प्रेम से भरपूर आपकी रचना
    सच मच आंदोलित करती है ...
    आपके जज्बे को सलाम कहता हूँ .
    स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाओं के साथ
    ---मुफलिस---

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  10. भाई तुझे सलाम!
    इतनी बढ़िया रचना पर इससे बढ़िया सम्मान करने का तरीका मुझे समझ न आया.

    बधाई.

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  11. वाह बहुत बढ़िया लिखा है आपने! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!

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  12. आजादी के लिये मौत को,हँस कर जिनने झेला
    याद दिलाने उनकी फिर से आई है ये बेला
    ज्योति आजादी का लेके चलते जो थे
    उनसे दुश्मन के सीने दहलते भी थे
    राम के साथ अब्दुल भी फाँसी चढा
    जो वतन पर मिटे भाई भाई ही थे.bahut hi sundar .man khush ho gaya .jai hind .

    जवाब देंहटाएं
  13. आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  14. स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाओं के साथ

    जवाब देंहटाएं
  15. राम के साथ अब्दुल भी फाँसी चढा
    जो वतन पर मिटे भाई भाई ही थे

    बहुत खूब ....!!~

    जवाब देंहटाएं