पूजा......
मै आज श्रीं अजय सिंह जी शहडोल ,जो मेरे आदरणीय जीजा जी है, उनकी लिखी कुछ रचनायें प्रकाशित कर रहा हूँ।
पूजामन की शान्तिशक्तिमन का उत्साहवर्धकजयविजयी भव होने का संकल्पकनक सबको समेटेकाटो पर चल करजीवन न्योछावर करखुशिया देतीनिर्विकार,नि:स्वार्थऐसा परिवारकर देता हैएक नयी ऊर्जा का संचारप्रतिदिनजीने के लिए,चलते रहने के लिये । अजय
भावार्थ
जवाब देंहटाएंबिलकुल स्पष्ट, सटीक और सार्थक हैं
अभिवादन स्वीकारें .
बढ़िया...
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