है कौन कर रहा प्रलय गान
भय-ग्रसित हो गए तरु के गात
हो शिथिल झर रहे उसके पात
सकुचे सहमें तरु के पंछी,गिर गिर कर तजनें लगे प्राण
है कौन कर रहा प्रलय गान
अविचल सुमेरु भी विकल हुये
झरनों के स्वर भी मंद हुये
स्तब्ध हुआ चंचल समीर,खो बैठा अपना दिशा ज्ञान
है कौन कर रहा प्रलय गान
यह काल-प्रबल का अमिट लेख
जीवन ललाट पर लिखा देख
रोकेगा इसको कौन यहाँ,हर क्षय में यह अस्तित्ववान
है कौन कर रहा प्रलय गान
विक्रम
पुन:प्रकाशित
यह काल-प्रबल का अमिट लेख
जवाब देंहटाएंजीवन ललाट पर लिखा देख
रोकेगा इसको कौन यहाँ,
हर क्षय में यह अस्तित्ववान
है कौन कर रहा प्रलय गान....
बहुत बढ़िया रचना,सुंदर अभिव्यक्ति,
MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
बहुत बढिया रचना है। सुन्दर शब्द चित्र खींचा है।
जवाब देंहटाएंमिश्रित स्वरों में किन्चित स्वर ही प्रतिमान बनते हैं ,वह स्वर मुझे सुनाई दे रहा है ,भाषा शब्द ,व अभिव्यक्ति की सुफल यात्रा का भाव मंचित हो रहा है .शुभकामनाएं जी /
जवाब देंहटाएंगहन भावों को समेटे हुये अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंरोकेगा इसको कौन यहाँ,हर क्षय में यह अस्तित्ववान...bahut hi badhiyaa
जवाब देंहटाएंयह काल-प्रबल का अमिट लेख
जवाब देंहटाएंजीवन ललाट पर लिखा देख
रोकेगा इसको कौन यहाँ,हर क्षय में यह अस्तित्ववान
है कौन कर रहा प्रलय गान....
लगा ज्यों प्रसाद को पढ़ रहा...
सुन्दर गीत.
सादर.
pahli baar apke blog par aai hu.kafi dino baad is dhang ki lalkaar deti hui rachna padhi...accha laga
जवाब देंहटाएंयह काल-प्रबल का अमिट लेख
जवाब देंहटाएंजीवन ललाट पर लिखा देख
रोकेगा इसको कौन यहाँ,हर क्षय में यह अस्तित्ववान
है कौन कर रहा प्रलय गान
उम्दा प्रस्तुति ... !!
Vaah ... Kash ye pralay haan vo Bhi sun saken Jo dvesh failaate hain ... Ozaswi rachna ...
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ,स्वाथ ठीक न होने की वजह से ब्लॉग लेखन से दूर हूँ ,व ब्लॉग जगत की नई रचनाओं के पठन से भी,
जवाब देंहटाएंगहन भाव लिए ,बहुत ही प्रभाव शाली रचना ...
जवाब देंहटाएंशीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभकामनायें ...!!