मरने की तमन्ना में , जीने का बहाना है
हर रात के आँचल में,ख़्वाबों का खजाना है
फुरसत से कभी आओ,हमराज बना लेगें
वह दौर क़यामत तक, तुमसे ही निभा देगें
दुनिया तो है दो पल की,यह साथ पुराना है
मरने की तमन्ना में , जीने का बहाना है
थम-थम के जो बरसे तो ,पलकों को गिले होगें
गमें-राह में चलने के , मंजर न बयां होगें
अश्कों चलन में ही , उल्फत का फसांना है
मरने की तमन्ना में , जीने का बहाना है
इस दिल की तमन्ना को ,कुछ भी तो शिला दोगे
इक राज बना इनको ,दामन में छिपा लोगे
अब रंग बना उनको, सपनों को सजाना है
मरने की तमन्ना में, जीने का बहाना है
विक्रम
मरने की तमन्ना में , जीने का बहाना है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना ,सुन्दर अभिव्यक्ति !
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फुरसत से कभी आओ,हमराज बना लेगें
जवाब देंहटाएंवह दौर क़यामत तक, तुमसे ही निभा देगें ..
बहुत ही खूबसूरत गज़ल ... हर शेर प्रेम का पैगाम लिए ...
वाह !!! बहुत उम्दा गजल ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : जिन्दगी.
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुती।।।।
जवाब देंहटाएंNihayat sundar!
जवाब देंहटाएंbahut sunder srimaan ji..................laajbaav
जवाब देंहटाएंvisit here also.....
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