Click here for Myspace Layouts

शनिवार, 11 जुलाई 2009

मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ .......

मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
तुम धीरे से ,न कर देना
कुछ पग चलके,फिर हस देना
बीत गये जो पल सजनी फिर, उनको जैसे मै पा लुगां
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
कुछ क्षण बाद,चली तुम आना
मृदुल भाव से,देती ताना
मै विभोर हो तरुणाई का,गीत कोई फिर से गा लूगां
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
क्या होता है,नया पुराना
ऐसे ही तुम साथ निभाना
यादों की झिलमिल चुनरी से,मै श्रंगार तेरा कर दूगाँ
मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ



vikram

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खूबसूरत प्रणय की रचना

    जवाब देंहटाएं
  2. कुछ क्षण बाद,चली तुम आना
    मृदुल भाव से,देती ताना
    मै विभोर हो तरुणाई का,गीत कोई फिर से गा लूगां
    bahut hi sunder bhav.

    जवाब देंहटाएं
  3. पूरी की पूरी रचना बेहतरीन ,सादगी खूबसूरती लिए हुए ,उम्दा .

    जवाब देंहटाएं
  4. मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
    कुछ क्षण बाद,चली तुम आना
    मृदुल भाव से,देती ताना
    मै विभोर हो तरुणाई का,गीत कोई फिर से गा लूगां

    अतिसुन्दर अभिव्यक्ति,
    मन को खुश करती हुई....

    जवाब देंहटाएं
  5. मै आवाज तुम्हे जब दूगाँ
    कुछ क्षण बाद,चली तुम आना
    मृदुल भाव से,देती ताना
    मै विभोर हो तरुणाई का,गीत कोई फिर से गा लूगां
    बहुत खूब

    जवाब देंहटाएं