जीवन का सफर चलता ही रहें ,चलना हैं इसका काम
कहीं तेरे नाम ,कहीं मेरे नाम ,कहीं और किसी के नाम
हर राही की अपनी राहे, हैं अपनी अलग पहचान
मंजिल अपनी ख़ुद ही चुनते, पर डगर बडी अनजान
खो जाती सारी पहचाने, जो किया कहीं विश्राम
कहीं तेरे नाम ,कहीं मेरे नाम ,कहीं और किसी के नाम
इन राहों में मिलते रहते,कुछ अपने कुछ अनजान
हर राही के आखों में सजे कुछ सपने कुछ अरमान
सपनों से सजी इन राहों में, कहीं सुबह हुयी कहीं शाम
कहीं तेरे नाम कहीं मेरे नाम कहीं और किसी के नाम
vikram
कहीं तेरे नाम ,कहीं मेरे नाम ,कहीं और किसी के नाम
हर राही की अपनी राहे, हैं अपनी अलग पहचान
मंजिल अपनी ख़ुद ही चुनते, पर डगर बडी अनजान
खो जाती सारी पहचाने, जो किया कहीं विश्राम
कहीं तेरे नाम ,कहीं मेरे नाम ,कहीं और किसी के नाम
इन राहों में मिलते रहते,कुछ अपने कुछ अनजान
हर राही के आखों में सजे कुछ सपने कुछ अरमान
सपनों से सजी इन राहों में, कहीं सुबह हुयी कहीं शाम
कहीं तेरे नाम कहीं मेरे नाम कहीं और किसी के नाम
vikram
सचमुच जीवन तो चलने का ही नाम है और रूकना मौत की निशानी।
जवाब देंहटाएंसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
bahut sunder.
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंजीवन के सफर के अद्भुत पडावो का दर्शन
जवाब देंहटाएंबहुत सफल रचना
"सपनों से सजी इन राहों में, कहीं सुबह हुयी कहीं शाम
जवाब देंहटाएंकहीं तेरे नाम कहीं मेरे नाम कहीं और किसी के नाम"
रचना बहुत अच्छी लगी....बहुत बहुत बधाई....
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति .........
जवाब देंहटाएंजीवन को अच्छी तरह दर्शाया है आपने
जवाब देंहटाएंसपनों से सजी इन राहों में, कहीं सुबह हुयी कहीं शाम
जवाब देंहटाएंकहीं तेरे नाम कहीं मेरे नाम कहीं और किसी के नाम
बहुत सुन्दर .