अर्थहीन संवाद ही तो हर तरफ व्याप्त है पर आपके ब्लाग पर सुन्दर रचना और बेहतरीन चित्र का संयोग संवादहीनता का तो दर्शन कम से कम नहीं करा रहा है, आपके , चित्र के संवाद सभी अच्छी तरह समझ रहे हैं और यह सभी टिप्पणियों में भलीभांति झलक भी रहा है.
vikram ji blog par encouraging comment dene ke liye bahut bahut dhanyavaad..aap jaise varisth sahityakaar aur blogger se kafi kuch seekhnaa hai abhi..Thanks!
बहुत गहरी बात!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ---
जवाब देंहटाएंचित्र जो आपने लगाया वह भी तो एक कविता ही है
Sundar abhivyakti..
जवाब देंहटाएंbadhayi..
Sahi hai ...
जवाब देंहटाएंआपके शब्द सच्चाई के करीब हैं .
जवाब देंहटाएंलाजवाब गागर मे सागर बधाई
जवाब देंहटाएंलाजवाब गागर मे सागर बधाई
जवाब देंहटाएंसही है..
जवाब देंहटाएंवाह क्या बात है............
जवाब देंहटाएंबड़ा गूढ़़ बहाना है..बेहतरीन
जवाब देंहटाएंथोड़े शब्दों में गहरी बात ,बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंAapki kawita aur cchitr dono hee sunder aur ek doosare ke poorak bhee.
जवाब देंहटाएंगूढ़ शब्दों के दंगल में फोटो भी बड़ी प्यारी टांगी है !
जवाब देंहटाएंभावाभिव्यक्ति और चित्र में कौन अधिक श्रेष्ठ है ?.कहना मुश्किल है.बधाई ,
जवाब देंहटाएंगागर में सागर भरा है आपने बहुत गहरे और सुंदर भाव
जवाब देंहटाएंअर्थहीन संवाद ही तो हर तरफ व्याप्त है पर आपके ब्लाग पर सुन्दर रचना और बेहतरीन चित्र का संयोग संवादहीनता का तो दर्शन कम से कम नहीं करा रहा है, आपके , चित्र के संवाद सभी अच्छी तरह समझ रहे हैं और यह सभी टिप्पणियों में भलीभांति झलक भी रहा है.
जवाब देंहटाएंहार्दिक बधाई............
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
vikram ji blog par encouraging comment dene ke liye bahut bahut dhanyavaad..aap jaise varisth sahityakaar aur blogger se kafi kuch seekhnaa hai abhi..Thanks!
जवाब देंहटाएंमार डाला ! दंडवत प्रणाम! गुरुदेव
जवाब देंहटाएंआप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंVAAH ..... SACH MEIN BAS UNKAA SAATH JAROORI HAI ... KUCH BHI HO JAAYE ...LAJAWAAB HAI SIR ...
जवाब देंहटाएंpehle bhi bahut acchhi lagi thii...
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