न तू न मैं न ये न वो ,संग चलकर
गीत नया गायेगे , हम आज मिलकर
बहार की पुकार हॆ, आजा सथिया
प्यार के लिये ही,मैने दिल दिया लिया
तू से मैं, मैं से तू , आज बन कर
गीत............................................
आज देखो फिर से राझा-हीर मिल गये
नयन के रास्ते दिलो के पीर बह गये
रब किसी को भी जुदा यहाँ न आज कर
गीत................................................
गमों की रात में खुशी का चांद आ गया
फूल बन के देखो कैसे खार खिल गया
दिल से दिल की बात कर आज खुलकर
गीत...................................................
हरी-भरी वादियों में ये खिला चमन
प्यार के लिये मुझे मिला हॆ इक सनम
जिन्दगी को जिन्दगी के नाम लिखकर
गीत....................................................
विक्रम
क्या बात है..बेहद खूबसूरत!!
जवाब देंहटाएंखूबसूरत गीत
जवाब देंहटाएंगीत नया बन ही गया ..
जवाब देंहटाएंबहुत शुभकामनायें ..!!
विक्रम जी,
जवाब देंहटाएंशब्द और भाव एकसंगत हो रहे हैं और यही गीत की विशेषता है। बड़ी अच्छी पंक्ति गढ़ी है :-
गमों की रात में खुशी का चांद आ गया
एक प्यार भरे गीत के साथ उससे संगत करता हुआ चित्र, वाह!!!
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
प्यार की दास्तान गीत बन गयी ...........गुनगुना सके इसे तो जिंदगी बन जाये ..............सुन्दर , अति सुन्दर ,
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत गीत है ........और क्या कहे ....अतिसुन्दर
जवाब देंहटाएंहरी-भरी वादियों में ये खिला चमन
जवाब देंहटाएंप्यार के लिये मुझे मिला हॆ इक सनम
सच में प्यार के लिए SANAM मिल जाए तो जीवन SAFAL है ...