Click here for Myspace Layouts

शुक्रवार, 28 अगस्त 2009

गीत नया गायेगे..................


न तू न मैं न ये न वो ,संग चलकर

गीत नया गायेगे , हम आज मिलकर

बहार की पुकार हॆ, आजा सथिया

प्यार के लिये ही,मैने दिल दिया लिया

तू से मैं, मैं से तू , आज बन कर

गीत............................................

आज देखो फिर से राझा-हीर मिल गये

नयन के रास्ते दिलो के पीर बह गये

रब किसी को भी जुदा यहाँ न आज कर

गीत................................................

गमों की रात में खुशी का चांद आ गया

फूल बन के देखो कैसे खार खिल गया

दिल से दिल की बात कर आज खुलकर

गीत...................................................

हरी-भरी वादियों में ये खिला चमन

प्यार के लिये मुझे मिला हॆ इक सनम

जिन्दगी को जिन्दगी के नाम लिखकर

गीत....................................................

विक्रम


7 टिप्‍पणियां:

  1. क्या बात है..बेहद खूबसूरत!!

    जवाब देंहटाएं
  2. गीत नया बन ही गया ..
    बहुत शुभकामनायें ..!!

    जवाब देंहटाएं
  3. विक्रम जी,

    शब्द और भाव एकसंगत हो रहे हैं और यही गीत की विशेषता है। बड़ी अच्छी पंक्ति गढ़ी है :-

    गमों की रात में खुशी का चांद आ गया

    एक प्यार भरे गीत के साथ उससे संगत करता हुआ चित्र, वाह!!!


    सादर,

    मुकेश कुमार तिवारी

    जवाब देंहटाएं
  4. प्यार की दास्तान गीत बन गयी ...........गुनगुना सके इसे तो जिंदगी बन जाये ..............सुन्दर , अति सुन्दर ,

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही खुबसूरत गीत है ........और क्या कहे ....अतिसुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  6. हरी-भरी वादियों में ये खिला चमन
    प्यार के लिये मुझे मिला हॆ इक सनम

    सच में प्यार के लिए SANAM मिल जाए तो जीवन SAFAL है ...

    जवाब देंहटाएं