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शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

चलो आज कुछ नया करे हम

चलो आज कुछ नया करे हम

इसी पुराने तन को धर कर
सडे घुने से मन को लेकर

जीवन की अन्तिम बेला मे,आज नया प्रस्थान करे हम

चलो आज कुछ नया करे हम

वही शशंकित आशाये धर
घने पराये पन से डर कर

सासों की इस पगडन्डी से,हट कर कोई राह चुने हम

चलो आज कुछ नया करे हम

तृप्ति कहाँ होती मन गागर
सुख के चाह रही वो सागर

छोड़ इसे इस ही पनघट पर,मरुथल में विश्राम करें हम

चलो आज कुछ नया करें हम

vikram

6 टिप्‍पणियां:

  1. आप तथा आपके परिवार को जन्माष्टमी तथा स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई |

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  2. अच्छा आह्वान नया करने के लिये
    सुन्दर रचना

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  3. atisundar ......shabd nahi hai ki wyaan kare .....bas itan hi kah sakate hai ki ....dil ko chhoo gayi aapaki yah rachana

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  4. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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  5. Bhut dino se net se door rahne ke karan aapke utkrisht rachnaon ke pathan se bhi vanchit rahi...
    aaj padhkar aanand ras me fir se gote lagane ka awsar mila...bahut bahut aabhar aapka..

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